दूर दीवार पर इठला कर बैठी वो गिलहरी.. और हमारी बीती शैतानियाँ.. आसमान में चमकता वो अकेला आदित्य.. और...
कुछ गालियाँ और गालियों से बुरी होती हैं. कुछ और भी खराब लगती हैं जब, वो कोई ऐसा शख़्स...
Pictures Around Stories: Sudip Bajpai
| EXPRESSIONS, REUNION 2017, Hindi, Poetry, Reunion 2017, Sudip Bajpai | 0Pictures around stories......Stories around pictures!! Thank you all dear ones who clicked these priceless gems!!Two pics 4 years apart!...
कुछ जगहें, बूढ़ी हो चली हैं या फिर बूढ़ा हो चला है उनका एहसास मैं हर साल वापस आती...
दस बरस तेरी छाती से मैं चिपका रहा पंख तो तूने दिऐ पर उड़ने को न मेरा दिल कहा।...
मैं………हूँ! मैं साँस लेता पहाड़, धड़कती पत्थर की इमारत बचपन समेटे हज़ारों का, एक प्यारी सी शरारत मैं लड़कपन,...
पूछा जो किसी ने, क्या आप पहाड़ों से लौटे हैं? कहा मैंने, हर वर्ष शरीर अपना लिए, इसे आत्मा...
ख़ासियत खलील की: कनिष्क एवं सुदीप
| EXPRESSIONS, TRIBUTES, 1990s, Hindi, Kanishka Mallick, Khalil Ji, Poetry, Sudip Bajpai, Tribute, Udi Baba | 0(our dearest friend, teacher and life long mentor) पहले दिन taxi के पीछे वो दौड़ा था Trunk और hold-all...
लंगूर की मस्ती: कनिष्क एवं सुदीप
| EXPRESSIONS, 1990s, Hindi, Kanishka Mallick, Langoors, Poetry, Sudip Bajpai | 0दुनिया एक आईना थी हंसो तो वापिस हंसती थी हमसे पूछो हमारे जंगले मे लंगूरों की क्या मस्ती थी...
लंगूर की ज़िन्दगी: कनिष्क एवं सुदीप
| EXPRESSIONS, 1990s, Hindi, Kanishka Mallick, Langoors, Poetry, Sudip Bajpai | 0ऐ वक़्त आज उसी पुश्तै पे चल बैठा जाए, फिर लंगूरों को उचलते कूदते देखा जाए … जहाँ दोस्तों...
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